मध्यप्रदेश के मुरैना में दो लड़ाकू विमान हुए दुर्घटनाग्रस्त सुखोई- 30 और मिराज -2000


सूत्रों ने बताया कि, रक्षा मंत्री एयर फोर्स के चीफ से बातचीत से  पता चला कि उसमें तीन पायलट विमान के अंदर थे। विमानों का मलबा  राजस्थान के मुरैना और भरतपुर जिले में मिले हैं जिससे लोगों ने यह आशंका लगाया कि भरतपुर में किसी प्रकार का कोई हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है लेकिन जांच के बाद यह पता चला कि यही दो विमानों का मलबा मिला है। शनिवार की सुबह में दो लड़ाकू विमान सुखोई 30 और मिराज 2000 बुरी तरह से दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। मौके पर राहत दल बचाओ पहुंच गया और आगे की काम में लग गया रक्षा सूत्रों ने बताया कि दोनों विमान ग्वालियर के लिए निकली थी। सूचना के मुताबिक आज सुबह के 5:30 बजे यह हादसा हुई है आपको बता दें कि सुखोई 30 में दो पायलट थे और वही मिराज 2000 में एक जब दोनों विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए। हादसे के पड़ताल के लिए वायु सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी को रखा है जो यह बताएगी कि दुर्घटना का मुख्य वजह क्या थी। क्या दोनों विमानों के बीच टक्कर हुआ या कुछ और वजह थी

दो पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए हैं वहीं तीसरे को स्ट्रेचर पर लिटा कर हेलीकॉप्टर से ले जाते हुए नजर आए हैं। 

मिराज गेट की लंबाई 47.1 फीट होती है, उसकी विंगस्पैन 29.11 फिट की होती है वही ऊंचाई 17.1 फीट है। इस जेट के उड़ान के लिए सिर्फ एक पायलट की जरूरत होती है। इसका वेट 75100 किलोग्राम है वही इंधन और हथियारों को मिला दे 13,800 किलोग्राम का हो जाता है। आपको बता दें कि पाकिस्तान के बालाकोट में यही विमान द्वारा 26 फरवरी 2019 को जै-जैश-ए-मोहम्मद की आतंकी ट्रेनिंग कैंप को ध्वस्त किया था। अगर सुखोई की बात की जाए तो इसकी लंबाई 72 फिट होती है इसकी विंगस्पैन 48.3 फीट की होती है ऊंचाई 20.10 फीट है। सुखोई 30 की रेंज 3000 किलोमीटर की है यह 57000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसमें लीयुल्का एल-31एफपी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन लगा हुआ है इस इंजन की मदद से यह विमान इसकी एयरोडायनेमिक संरचना की वजह से 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से उड़ान भर सकता है।



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